बांग्लादेश: छात्र नेतृत्व वाली एनसीपी नहीं चाहती कि बांग्लादेश अवामी लीग चुनाव में हिस्सा ले

बांग्लादेश में छात्र नेतृत्व वाली नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) के संयोजक नाहिद इस्लाम ने कहा कि ‘नहीं, हम नहीं चाहते कि अवामी लीग चुनावों में भाग ले.’’ उन्होंने कहा कि अवामी लीग के जो लोग ‘गलत कामों के लिए जिम्मेदार हैं, उन पर सबसे पहले मुकदमा चलाया जाना चाहिए’.

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‘‘हमारा लक्ष्य एक संविधान सभा के माध्यम से द्वितीय गणराज्य की स्थापना करना है": इस्लाम
ढाका:

बांग्लादेश में छात्र नेतृत्व वाली नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) ने कहा कि वह नहीं चाहती कि अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी बांग्लादेश अवामी लीग चुनाव में भाग ले. एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय समसामयिक मामलों की पत्रिका ‘द डिप्लोमेट' में मंगलवार देर रात प्रकाशित एक साक्षात्कार में एनसीपी के संयोजक नाहिद इस्लाम ने कहा, ‘‘नहीं, हम नहीं चाहते कि अवामी लीग चुनावों में भाग ले.'' उन्होंने कहा कि अवामी लीग के जो लोग ‘गलत कामों के लिए जिम्मेदार हैं, उन पर सबसे पहले मुकदमा चलाया जाना चाहिए'.

एनसीपी की योजना के बारे में पूछे जाने पर इस्लाम ने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य एक संविधान सभा के माध्यम से द्वितीय गणराज्य की स्थापना करना है, जिसके जरिए हम एक नया संविधान लागू करना चाहते हैं और देश की सत्ता गतिशीलता का ढांचा बदलना चाहते हैं.''

अंतरिम सरकार के प्रमुख प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस के संरक्षण में एक राजनीतिक पार्टी के रूप में उभरी एनसीपी के छात्रों ने पिछले साल जुलाई-अगस्त में ‘स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन' (एसएडी) या भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के बैनर तले बड़े पैमाने पर विद्रोह का नेतृत्व किया था.

यह पूछे जाने पर कि कूटनीति पर उनकी पार्टी का रुख क्या है, इस्लाम ने कहा, ‘‘सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम चाहते हैं कि बांग्लादेश किसी भी विदेशी शक्ति के प्रभुत्व से मुक्त होकर एक संतुलित और लाभप्रद कूटनीतिक दृष्टिकोण अपनाए.''

उन्होंने कहा, ‘‘अतीत में हमने देखा कि शासन व्यवस्थाएं दिल्ली के प्रभाव पर बहुत अधिक निर्भर थीं. हालांकि, हम बांग्लादेश की राजनीति को भारत या पाकिस्तान के गिर्द केंद्रित नहीं होने देंगे. एनसीपी पूरी तरह से बांग्लादेश केंद्रित रहेगी और राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखेगी.''

बांग्लादेश में पिछले साल बड़े पैमाने पर हुए विद्रोह और हिंसा के बीच पांच अगस्त 2024 को हसीना बांग्लादेश छोड़कर भारत चली गईं थी. उस समय यूनुस ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार और एसएडी के प्रतिनिधि के रूप में कार्यभार संभाला था.

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