शेख हसीना पर आज आने वाले कोर्ट के फैसले से पहले ढाका में बवाल, हिंसा करने वालों को गोली मारने के आदेश

Bangladesh: शेख हसीना के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT-BD) सोमवार को फैसला सुनाने वाला है. ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने हिंसक प्रदर्शनकारियों को देखते ही गोली मारने का आदेश जारी कर दिया है.

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  • बांग्लादेश की पूर्व PM शेख हसीना के खिलाफ मानवता के खिलाफ अपराधों के मामले में आज फैसला सुनाया जाएगा
  • फैसले से पहले राजधानी ढाका सहित कई जगहों पर आगजनी और देसी बम हमलों की घटनाएं हुईं, सुरक्षा कड़ी कर दी गई है
  • अधिकारियों ने हिंसक प्रदर्शनकारियों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया है, पुलिस निगरानी और सख्त हो गई है
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बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के लिए आज यानी सोमवार, 17 नवंबर का दिन उनकी जिंदगी के सबसे अहम दिनों में से एक होने वाला है. मानवता के खिलाफ कथित अपराधों के मामले में पद से हटाई जा चुकीं शेख हसीना के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT-BD) सोमवार को फैसला सुनाने वाला है. फैसले से ठीक पहले की रात बांग्लादेश में कई जगहों से आगजनी और देसी बम हमलों ने की खबर आती रहीं. ढाका और अन्य क्षेत्रों में कड़ी सुरक्षा लागू कर दी गई है. 

अधिकारियों ने सख्त सैन्य, अर्धसैनिक और पुलिस निगरानी का आदेश दिया है क्योंकि हसीना पार्टी अवामी लीग (जिसे बांग्लादेश में बैन कर दिया गया है) ने अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT-BD) के फैसले से पहले दो दिवसीय बंद की घोषणा की है. रविवार रात अज्ञात लोगों ने एक पुलिस स्टेशन परिसर के वाहन डंपिंग कॉर्नर में आग लगा दी और अंतरिम सरकार के प्रमुख प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस के सलाहकार परिषद के सदस्य के आवास के बाहर दो कच्चे बम विस्फोट किए, इसके अलावा राजधानी में कई चौराहों पर विस्फोट किए.

तनाव बढ़ने पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (डीएमपी) ने अपने पुलिसकर्मियों से हिंसक प्रदर्शनकारियों को देखते ही गोली मारने का आदेश जारी कर दिया. अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT-BD) के अभियोजकों ने 78 वर्षीय हसीना के लिए मौत की सजा की मांग की है.

हसीना और उनके सहयोगियों पर लगे ये 5 आरोप

 शेख हसीना, अपदस्थ अवामी लीग सरकार में उनके गृह मंत्री असदुज्जमान खान कमाल और तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक (IGP) या पुलिस प्रमुख चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून पर न्यायाधिकरण में मुकदमा चलाया गया है. पूर्व प्रधानमंत्री और कमाल पर उनकी अनुपस्थिति में मुकदमा चलाया गया और अदालत ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया है.

पूर्व पुलिस प्रमुख ने व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होकर मुकदमे का सामना किया लेकिन वह सरकारी गवाह बन गए. उन्होंने अपनी भूमिका स्वीकार की और पिछले साल छात्रों के नेतृत्व वाले आंदोलन को दबाने में दो सह-अभियुक्तों की भूमिका के बारे में बताया.

हसीना और उनके दो अन्य सहयोगियों पर पांच मामलों के तहत अपराध करने का आरोप लगाया गया था. पहले मामले में तीनों पर हत्या, हत्या का प्रयास, यातना और अन्य अमानवीय कामों का आरोप लगाया गया है. दूसरी मामले में हसीना पर प्रदर्शनकारियों को "साफ करने" का आदेश देने का आरोप लगाया गया है. तीसरे मामले में, उन पर भड़काऊ टिप्पणी करने और प्रदर्शनकारी छात्रों के खिलाफ घातक हथियारों के इस्तेमाल का आदेश देने का आरोप लगाया गया है.

बाकी मामलों के तहत, तीनों पर ढाका और उसके उसपास छात्रों सहित छह निहत्थे प्रदर्शनकारियों की गोली मारकर हत्या करने का आरोप लगाया गया है.

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