Exclusive: यूनुस नहीं तो किसके पास कमान? बांग्लादेश में हिंदू युवक की हत्या पर भड़के कनाडा के सांसद

Bangladesh Hindu Man Lynched: बांग्लादेश में 18 दिसंबर को 25 वर्षीय दीपू चंद्र दास को मैमनसिंह के बालुका में ईशनिंदा के आरोप में भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था और उसके शव को आग लगा दी थी.

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बांग्लादेश में 18 दिसंबर को दीपू चंद्र दास को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था
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  • कनाडा के सांसद शुभ मजूमदार ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रही हिंसा की कड़ी आलोचना की है
  • मैमनसिंह जिले में दीपू चंद्र दास की ईशनिंदा के आरोप में भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर शव को आग लगाई थी
  • उन्होंने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पर सवाल उठाए कि किसके हाथ में कमान है और जवाबदेही कौन लेगा
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बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रही हिंसा को लेकर कनाडा के कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद शुभ मजूमदार ने कड़ी आलोचना की है. बांग्लादेश के मैमनसिंह जिले में हिंदू मजदूर दीपू चंद्र दास की बेरहमी से हुई मॉब लिंचिंग में हत्या को लेकर उन्होंने अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस पर सवाल उठाए हैं. NDTV के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में उन्होंने पूछा कि बांग्लादेश में अभी कौन सरकार चला रहा है, कमान किसके हाथ में है, इस हत्या की जिम्मेदारी कौन लेगा.

दरअसल बांग्लादेश में 18 दिसंबर को कपड़े की एक फैक्ट्री में काम करने वाले 25 वर्षीय दीपू चंद्र दास को मैमनसिंह के बालुका में ईशनिंदा के आरोप में भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला और उसके शव को आग लगा दी. पुलिस के मुताबिक, दास को पहले फैक्ट्री के बाहर भीड़ ने पीटा और फिर एक पेड़ से लटका दिया. भीड़ ने उसके शव को ढाका-मैमनसिंह राजमार्ग के पास छोड़ दिया और बाद में उसे आग लगा दी. हालांकि सामने आए वीडियो में दिखा कि खुद पुलिस ने दीपू को भीड़ के हवाले कर दिया था.

"बांग्लादेश में क्रूरता, वहां एक अलग स्तर की भयवहता और बुराई"

अब कनाडा के सांसद शुभ मजूमदार ने कहा है कि बांग्लादेश में नफरत और कट्टरपंथ की ताकतें बेकाबू हैं. उन्होंने कहा कि यह क्रूरता "एक अलग स्तर की भयावहता, एक अलग स्तर की बुराई" को दिखाती है. उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पीड़ित के परिवार को उसकी हत्या की जानकारी पुलिस से नहीं बल्कि कथित तौर पर सोशल मीडिया से मिली. यह बात सरकारी एजेंसियों की विफलता को रेखांकित करती है.

कनाडाई सांसद ने जोर देकर कहा कि हिंसा कोई अकेली हुई कोई घटना नहीं है. उन्होंने कहा, "शेख हसीना के सत्ता से बेदखल होने के तुरंत बाद, हमने अवामी लीग समर्थकों के साथ-साथ अल्पसंख्यकों-हिंदुओं, ईसाइयों, अहमदियों और बौद्धों- के खिलाफ व्यापक राजनीतिक हिंसा देखी है." शुभ मजूमदार के अनुसार, हिंसा कम होने के बजाय पिछले एक साल से जारी है और अब सार्वजनिक हत्या जैसे चरमपंथी कार्रवाइयों में बदल गई हैं.

मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बांग्लादेश की अंतरिम अंतरिम सरकार पर निशाना साधते हुए, शुभ मजूमदार ने एक साफ सवाल पूछा कि आखिर बांग्लादेश में किसके हाथ में कमान है. उन्होंने तर्क दिया कि अंतरिम सरकार के पास शांति बहाल करने और विश्वसनीय तरीके से सत्ता के हस्तांतरण का माहौल तैयार करने के लिए पर्याप्त समय था लेकिन वे सभी बांग्लादेशियों के लिए समान नागरिकता और सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रहे. उन्होंने यूनुस से कहा, "यदि आपके हाथ में कमान नहीं है, तो कृपया बताएं कि किसके हाथ में है, ताकि दुनिया जान सके कि जवाबदेही किसपर होगी."

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