- राजस्थान के संगमरमर से मेलबर्न और सिडनी में नए जैन मंदिरों के निर्माण के लिए तीन हजार टन पत्थर भेजा जाएगा
- ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले 6000 जैन समुदाय के लोगों के लिए यह मंदिर उनकी आस्था और विरासत का प्रतीक होगा
- मेलबर्न में बन रहा जैन मंदिर विक्टोरिया राज्य का पहला जैन मंदिर होगा और इसके अगले साल तक पूरा होने की संभावना
जिस संगमरमर पत्थर से दुनिया के 7 अजूबे में से एक, ताज महल को बनाया गया है, अब वही पत्थर मेलबर्न और सिडनी में नए जैन मंदिरों के निर्माण के लिए ऑस्ट्रेलिया भेजा जाएगा. ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले जैन समुदाय के 6000 लोगों के लंबे समय का सपना पूरा होने जा रहा है. जैन मंदिरों को बनाने के लिए लगभग 3,000 टन राजस्थानी संगमरमर ऑस्ट्रेलिया भेजा जाएगा.
न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के अनुसार भारत में मौजूद ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त (हाई कमिश्नर) फिलिप ग्रीन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट डालकर इसकी जानकारी दी. उन्होंने लिखा, "राजस्थान के सदाबहार पत्थर - वही पत्थर जिससे ताज महल का निर्माण किया गया था, ऑस्ट्रेलिया जा रहे हैं. लगभग 3,000 टन के पत्थर जल्द ही मेलबर्न और सिडनी में नए जैन मंदिरों को आकार देंगे. इससे ऑस्ट्रेलिया के जैन समुदाय के 6000 लोगों की आस्था और विरासत का निर्माण होगा."
उच्चायोग ने फेसबुक पर पोस्ट किया था, "मेलबोर्न में जैन समुदाय विक्टोरिया के पहले जैन मंदिर का निर्माण कर रहा है, जो राजस्थान के 1,500 टन संगमरमर से बनेगा. यह समर्पण, विरासत और ऑस्ट्रेलिया के विविध, बहुसांस्कृतिक ताने-बाने की ताकत का प्रतीक है."
मंदिर के अगले साल तक पूरा होने की उम्मीद है, जो ऑस्ट्रेलिया में इस स्तर का पहला विशाल जैन मंदिर होगा. मेलबर्न में इस मंदिर का निर्माण पहले से ही चल रहा है. जैन धर्म एक प्राचीन भारतीय धर्म है जो अहिंसा और व्यक्तिगत आध्यात्मिक विकास के सिद्धांतों पर आधारित है.
यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब भारत में ऑस्ट्रेलियाई उच्चायोग भी दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा दे रहा है. बीते रविवार को, इसने हिंदी दिवस के अवसर पर शुभकामनाएं दीं और इसके स्टाफ मेंबर का हिंदी टंग-ट्विस्टर्स पढ़ते हुए एक वीडियो शेयर किया.