धरती की तरफ एक बड़ा खतरा तेजी से बढ़ रहा है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA की तरफ से इसे लेकर बयान सामने आया है. एजेंसी ने कहा है कि ऐस्टरॉइड इतना अधिक खतरनाक है कि यह किसी पूरे शहर को तबाह कर सकता है. इस चट्टान के साल 2032 तक धरती से टकराने की 3.1 प्रतिशत आशंका है. हालांकि एजेंसी की तरफ से साथ ही यह भी कहा गया है कि इसे लेकर बहुत अधिक घबराने की जरूरत अभी नहीं है. इस ऐस्टरॉइड का नाम 2024 YR4 है. जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप अगले महीने से इसकी निगरानी शुरू करने वाला है.
क्या वैज्ञानिक हैं परेशान?
प्लेनेटरी सोसाइटी के मुख्य वैज्ञानिक ब्रूस बेट्स ने इस मुद्दे पर समाचार एजेंसी एएफपी के साथ बात करते हुए कहा कि मैं घबराया हुआ नहीं हूं लेकिन यह स्वाभाविक है कि जब किसी ऐस्टरॉइड के धरती से टकराने की आशंका में बढ़ोतरी होती है तो आप खुश तो नहीं ही हो सकते हैं. लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे हमारे पास इससे जुड़े डेटा सामने आएंगे इसके टकराने की संभावना शून्य हो जाएगी.
2024 YR4 का पता पहली बार पिछले साल 27 दिसंबर को चिली के El Sauce Observatory द्वारा लगाया गया था. खगोलविदों का अनुमान है कि इसकी चमक के आधार पर इसका आकार 130 से 300 फीट (40-90 मीटर) चौड़ा है. इसके प्रकाश संकेतों के विश्लेषण से पता चलता है कि यह एक दुर्लभ धातु से बना हुआ है.
मामले से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
- इसके धरती से टकराने की संभावना 3.1% है. 22 दिसंबर 2032 तक यह धरती से टकरा सकती है.
- NASA के अनुसार अभी घबराने की जरूरत नहीं. एजेंंसियों की इसके ऊपर नजर है.
- पहली बार 27 दिसंबर 2024 को चिली के ऑब्जर्वेटरी ने इसे देखा था.
- अगर धरती से इसकी टक्कर होती है तो बड़ा विस्फोट हो सकता है. विस्फोट की ताकत 8 मेगाटन TNT (हिरोशिमा बम से 500 गुना ज्यादा) होने की आशंका है.
- भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, इथियोपिया, सूडान, नाइजीरिया, वेनेजुएला, कोलंबिया और इक्वाडोर पर गिरने की आशंका है.
International Asteroid Warning Network जो कि विश्वस्तर पर ऐस्टरॉइड की निगरानी करता रहा है ने 29 जनवरी को इसे लेकर एक चेतावनी जारी किया था. उस समय इसके धरती से टकराने की आशंका 1 प्रतिशत थी. तब से, यह आंकड़ा उतार-चढ़ाव भरा रहा है, लेकिन समस्या लगातार बढ़ती रही है. नासा की नवीनतम गणनाओं के अनुसार, प्रभाव की संभावना 3.1 प्रतिशत है, तथा पृथ्वी से यह 22 दिसंबर, 2032 को टकरा सकता है.
कितना खतरनाक है यह ऐस्टरॉइड?
जानकारों का मानना है कि अगर यह पृथ्वी से टकराता है तो 8 मेगाटन टीएनटी का विस्फोट कर सकता है, जो हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम से 500 गुना तक अधिक ज्यादा ताकतवर होगा. यह एस्टेरॉयड वर्तमान में एकमात्र बड़ा एस्टेरॉयड है, जिसके पृथ्वी से टकराने की संभावना 1 फीसदी से ज्यादा है. भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, इथियोपिया, सूडान, नाइजीरिया, वेनेजुएला, कोलंबिया और इक्वाडोर जैसे देशों के हिस्सों से यह टकरा सकता है.
खतरा बढ़ने पर दुनिया के तमाम देशों को किया जाएगा अर्लट
यदि जोखिम 10 प्रतिशत से अधिक बढ़ जाता है, तो IAWN एक औपचारिक चेतावनी जारी करेगा, जिसके परिणामस्वरूप "संभावित रूप से खतरे वाले क्षेत्रों में स्थित सभी संयुक्त राष्ट्र सदस्यों के लिए तैयारी शुरू करने की बात कही जाएगी. 66 मिलियन वर्ष पहले डायनासोर को खत्म करने वाले छह मील चौड़े (10 किलोमीटर चौड़े) ऐस्टरॉइड की तुलना में यह बेहद छोटा है. यही कारण है कि यह पूरी दुनिया में तबाही नहीं मचाएगा लेकिन किसी बड़ी शहर को बर्बाद करने के हालत में यह है.
यदि यह पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करता है, तो सबसे अधिक संभावना है कि यह हवा में ही नष्ट हो जाएगा. हालांकि यह विस्फोट बहुत ही विनाशकारी हो सकता है. हिरोशिमा में हुए परमाणु विस्फोट की तुलना में यह 500 गुणा से अधिक ताकतवर साबित हो सकता है.