विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में अनुच्छेद 370 (Article 370) को हटाने के बाद हो रही राजनीति की आलोचना की. उन्होंने बताया कि तथ्यों को तोड़ा-मरोड़ा गया और एक विशेष कथानक बनाने की कोशिश की गई. एस जयशंकर वॉशिंगटन डीसी में 'Modi@20 नाम की किताब के अंशों को पढ़ने के लिए रखे गए आयोजन के दौरान बोल रहे थे. अमेरिकी सांसदों की जम्मू-कश्मीर के मसले पर मौजूदा समझ को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, " इंटरनेट काटे जाने को लेकर बड़ा बवाल हो रहा है. अगर हम ऐसे हालात में पहुंच जाएं जहां हम कहें कि इंटरनेट काटना इंसानी जान के नुकसान से अधिक खतरनाक है तो मैं क्या कह सकता हूं?"
भारत में 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने आर्टिकल 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को दिया गया विशेष दर्जा वापस लेने की घोषणा की थी और इस क्षेत्र को दो केंद्र शासिक प्रदेशों में बांट दिया था.
वॉशिंगटन डीसी में एक बातचीत के दौरान एस जयशंकर ने कहा कि आर्टिकल 370 जिसने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दिया था वह भारतीय संविधान का एक अस्थाई प्रावधान था जिसे खत्म कर दिया गया.
उन्होंने पूछा, " अगर आप आर्टिकल 370 के मुद्दे को देखते हैं, जो भारतीय संविधान का एक अस्थाई प्रावधान था उसे आखिरकार खत्म कर दिया गया. यह बहुसंख्यवादियों का कार्य माना गया. लेकिन आप मुझे बताइए कि क्या जो जम्मू-कश्मीर में हो रहा था वो बहुसंख्यवाद नहीं था?
एस जयशंकर ने दावा किया कि आर्टिकल 370 को रद्द किए जाने को लेकर तथ्यों को मरोड़ा गया और इसके साथ खिलवाड़ हुआ. उन्होंने कहा, " मुझे लगता है कि तथ्यों को घुमाया गया और इसके साथ मज़ाक हुआ. क्या सही है...क्या गलत है इसे लेकर भ्रम पैदा किया गया. असल में राजनीति ऐसे ही काम करती है."