अफ्रीकी देश (African Country) डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो ( DR Congo) में उग्रवादियों (Militia Attack) ने चाकू जैसे धारदार हथियार से हमला कर कम से कम 50 लोगों की जान ले ली है. हिंसा की आग झेल रहे पूर्वी DR Congo में यह हमला विस्थापित लोगों के लिए बनाई गए जगह पर किया गया था. स्थानीय अधिकारियों और सिविल सोसायटी के सूत्रों का कहना है कि मारे गए लोगों की संख्या 50 से अधिक है. स्थानीय सूत्रों ने बताया है कि CODECO समूह के हथियारबंद उग्रवादियों ने मंगलवार को दजुगू (Djugu) इलाके के इतुरू प्रांत में (Ituri) के ब्लू गांव में विस्थापितों की जगह पर हमला कर कम से कम 50 लोगों की जान ले ली. इससे पहले इस इलाके के एक निगरानी समूह ने यहां हिंसा की जानकारी दी थी. अमेरिका स्तिथ कीवु सिक्योरिटी ट्रैकर (KST) ने ट्विटर पर दी गई जानकारी ने बताया था कि बीती रात दजुगू क्षेत्र ( Djugu territory) के सावो के मैदान में धारदार हथियारों से हुए हमले में कम से कम 40 नागरिकों की मौत हो गई है.
KST ट्रैकर पर दी गई जानकारियों से पता चलता है कि ताजा हमले के अलावा डीआर रिपब्लिक के इस इलाके में अलग-अलग हमलों में 50 से अधिक लोग पहले ही अपनी जान गंवा चुके हैं. यहां CODECO सशस्त्र समूह का आतंक है. यह इतुरी के एक धार्मिक समूह का ग्रुप है. इस समूह पर 2017 के आखिरी में हुई हिंसा के पीछे होने का भी आरोप लगता है. अफ्रीकी देश DR कांगो में बड़े पैमाने पर खनिज पदार्थों और सोने का उत्पादन होता है. यहां पिछले साल एक पूरा "सोने का पहाड़" मिला था जिसे लूटने के लिए स्थानीय लोगों में भगदड़ मच गई थी.
द गार्डियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में डीआरसी में हर साल 14-20 टन सोने का उत्पादन होता है जिसकी कीमत $543 मिलियन से $812 मिलियन तक होती है. इसके बावजूद वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक DRC में दुनिया की तीसरी सबसे गरीब जनसंख्या रहती है. 2018 में किए गए एक अनुमान के मुताबिक 73% कांगो की जनता यानि करीब 60 मिलियन लोग $1.90 प्रति दिन से कम में अपना जीवन-यापन करते है. यहां कोरोना की वजह से और बुरा प्रभाव पड़ा है. और इसी वजह से हाल ही के दिनों में यहां हिंसक घटनाएं बढ़ीं हैं. रिलीफ़ वेब पर जारी सेव द चिल्ड्रन ऑर्गनाइज़ेशन की रिपोर्ट कहती है कि कोरोना काल में यहां काम धंधे बंद होने से हिंसा में बढ़ोतरी हुई है और DRC में हजारों लोगों को तत्काल मदद की ज़रूरत है.