म्यांमार में लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई सरकार के तख्तापलट के खिलाफ जनता सड़कों पर उतर रही है. म्यांमार में सैन्य कार्रवाई (Myanmar army Coup) के खिलाफ हजारों लोग सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. इससे हैरान सेना ने मांडले की सात टाउनशिप में मार्शल लॉ (Martial Law Imposed) लागू कर दिया है और प्रदर्शनकारियों को चेतावनी दी है.
मांडले के प्रशासन ने कहा है कि म्यांमार में सेना ने मांडले की सात टाउनशिप में मार्शल लॉ (Myanmar Martial Law Imposed) लागू कर दिया है. यहां 5 से ज्यादा लोगों के इकट्ठा करने पर रोक के साथ रात 8 बजे से सुबह 4 बजे तक कर्फ्यू रहेगा. अयारवेड्डी समेत दक्षिण म्यांमार के भी कुछ क्षेत्रों में ऐसे ही आपातकाल की घोषणा कर विरोध प्रदर्शनों पर सख्ती की गई है.
मांडले प्रशासन का कहना है कि कुछ लोगों का व्यवहार जन सुरक्षा और कानून-व्यवस्था के लिए खतरा बन गया है. इससे स्थिरता, सुरक्षा, कानून प्रवर्तन एजेंसियों के कामकाज और शांतिपूर्ण माहौल के लिए खतरा है और दंगे भड़क सकते हैं. लिहाजा सार्वजनिक स्थानों पर इकट्ठा होने या विरोध के लिए वाहनों के इस्तेमाल पर रोक लगाई जा रही है. म्यांमार की सेना (जुंटा) ने अभी तक विरोध को काबू में करने के लिए कठोर बल प्रयोग का सहारा नहीं लिया है. लेकिन दंगा रोधी पुलिस बल ने राजधानी ने पी ता में कई जगहों पर पानी की बौछारों का इस्तेमाल प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए किया है.
सेना ने पिछले हफ्ते स्टेट काउंसलर आंग सान सू (Aung San Suu Kyi) की समेत कई बड़े नेताओं को हिसासत में ले लिया था. इससे म्यांमार में एक दशक पुराने लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था का अंत हो गया. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर म्यांमार सेना की इस कार्रवाई की निंदा हो रही है. बड़े पैमाने पर विरोध को देखते हुए जुंटा ने चेतावनी दी है कि ऐसे प्रदर्शन गैरकानूनी हैं और आंदोलनकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है. सेना ने कहा है कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले और जन सुरक्षा के लिए खतरा बने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ प्रभावी कानूनी कदम उठाए जाएंगे.