- भारत और अमेरिका के अधिकारियों ने असैन्य परमाणु सहयोग मजबूत करने और व्यापार निवेश पर चर्चा की
- दोनों देशों ने नई 10 वर्षीय रक्षा साझेदारी ढांचे पर हस्ताक्षर करने के लिए अपनी इच्छा जताई
- रक्षा औद्योगिक, विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग को बढ़ाने पर दोनों पक्षों ने सहमति जताई
भारत और अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारियों ने असैन्य परमाणु सहयोग को मजबूत करने सहित व्यापार और निवेश, महत्वपूर्ण खनिजों और ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की है. ‘टू प्लस टू' अंतरसत्रीय वार्ता के ढांचे के तहत सोमवार को डिजिटल तरीके से हुई वार्ता व्यापार और शुल्क पर ट्रंप प्रशासन की नीतियों को लेकर दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव की पृष्ठभूमि में हुई.
रक्षा सहयोग बढ़ाने पर जोर
विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्ष रक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए तत्पर हैं, जिसमें भारत-अमेरिका प्रमुख रक्षा साझेदारी के लिए एक नए 10-वर्षीय ढांचे पर हस्ताक्षर करना, साथ ही रक्षा औद्योगिक, विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग को आगे बढ़ाना शामिल है. विदेश मंत्रालय ने कहा, 'दोनों पक्षों ने 21वीं सदी और उसके आगे के लिए भारत-अमेरिका कॉम्पैक्ट (सैन्य साझेदारी, त्वरित वाणिज्य और प्रौद्योगिकी के लिए अवसरों को बढ़ाना) के तत्वावधान में इन क्षेत्रों में हुई प्रगति को आगे बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की.'
विदेश मंत्रालय ने क्या कुछ बताया
बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने ‘क्वाड' के माध्यम से एक सुरक्षित, मजबूत और अधिक समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'वार्ता का समापन इस बात के साथ हुआ कि दोनों पक्षों ने इस सार्थक बैठक के लिए अपनी सराहना व्यक्त की तथा द्विपक्षीय संबंधों की व्यापकता और गहराई को इस प्रकार बढ़ाने की इच्छा व्यक्त की जिससे भारत और अमेरिका के लोगों को लाभ हो.'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)