आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की सेना ने नेशनल डे परेड को भी 'सीमित' किया

पाकिस्तानी सेना के मामले से परिचित लोगों ने बताया है कि हर साल होने वाली पाकिस्तान डे परेड इस बार आर्थिक संकट के चलते शकर पिड़ियां परेड ग्राउंड के स्थान पर प्रेसिडेंसी में ही होगी, जिसमें पाकिस्तानी सेना अपने हथियार और सैन्य ताकत का मुज़ाहिरा करती है.

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पाकिस्तानी सेना की परेड इस बार शकर पिड़ियां परेड ग्राउंड के स्थान पर प्रेसिडेंसी में ही होगी...
नई दिल्ली:

आर्थिक संकट से बुरी तरह जूझ रहे पाकिस्तान में खर्च बचाने के लिए हर साल 23 मार्च को होने वाली नेशनल डे परेड को भी पाकिस्तानी सेना ने 'सीमित' करने का फैसला किया है. इस फैसले के जानकार लोगों ने ARY न्यूज़ को शुक्रवार को यह जानकारी दी है.

ARY न्यूज़ में प्रकाशित ख़बर के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना के मामले से परिचित लोगों ने बताया है कि हर साल होने वाली पाकिस्तान डे परेड इस बार आर्थिक संकट के चलते शकर पिड़ियां परेड ग्राउंड के स्थान पर प्रेसिडेंसी में ही होगी, जिसमें पाकिस्तानी सेना अपने हथियार और सैन्य ताकत का मुज़ाहिरा करती है.

वर्ष 1940 में हुए लाहौर समझौते की याद में मनाए जाने वाले पाकिस्तान दिवस की परेड को लेकर सेना ने यह फैसला प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ के उस अभियान के मद्देनज़र लिया है, जिसमें सादगी बरतने और खर्च घटाने का इरादा बनाया गया है. सूत्रों के मुताबिक, सेना का कहना है कि वह मुल्क के अवाम के साथ एकजुट खड़ी है, और मुल्क की बेहतरी के लिए काम करती रहेगी.

गौरतलब है कि पाकिस्तान बेहद गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुज़र रहा है, और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा रोके गए कर्ज़ को बहाल करवाने की दिशा में काम कर रहा है. गुरुवार को, इसी संदर्भ में वित्तमंत्री इसहाक डार ने कहा था कि IMF के साथ स्टाफ-स्तरीय समझौता अगले दो दिन में हो जाने की उम्मीद है.

ARY न्यूज़ के मुताबिक, वित्तमंत्री ने इस्लामाबाद में एक सेमिनार में कहा था कि मौजूदा सरकार को आर्थिक संकट विरासत में मिला था, और वह मुल्क के आर्थिक पुनरुद्धार के लिए कदम उठा रही है.

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