भारत-भूटान के बीच कारोबार और निवेश को बढ़ाने को लेकर बनी सहमति

भारत और भूटान ने एक परिवर्तनकारी साझेदारी को आगे बढ़ाने की भी घोषणा की जो दोनों देशों के बीच अद्वितीय तथा विशेष संबंधों को आगे बढ़ाएगी और साथ ही कहा कि विकास साझेदारी भारत के 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' के दृष्टिकोण और भूटान में सकल राष्ट्रीय खुशी के दर्शन का संगम है.

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थिंपू:

भारत और भूटान के बीच कारोबारी एवं निवेश संबंधों को मजबूत करने को लेकर शुक्रवार को एक सहमति बनी, जिसमें गेलेफू विशेष प्रशासनिक क्षेत्र को विकसित करने के भूटान नरेश के दृष्टिकोण का संदर्भ भी शामिल है जिससे क्षेत्र में अधिक आर्थिक कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दो दिवसीय भूटान दौरे के पहले दिन का कार्यक्रम समाप्त होने के बाद दोनों देशों की ओर से जारी एक संयुक्त बयान के मुताबिक, स्थायी तरीके से अधिक आर्थिक कनेक्टिविटी, आर्थिक साझेदारी को बढ़ावा देने तथा भारत और भूटान के लोगों को करीब लाने के लिए विशेष रूप से निजी क्षेत्र के माध्यम से एक-दूसरे के साथ संबंधों को मजबूत किया जाएगा.

थिंपू से लगभग 200 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित और असम में भारत की सीमा से सटा हुआ गेलेफू एसएआर एक ‘माइंडफुलनेस सिटी' बनने की आकांक्षा रखता है. दरअसल, माइंडफुलनेस एक ऐसी थेरेपी है, जिसके जरिए हम अपने अंदर, अपने आसपास हो रहीं घटनाओं या स्थितियों के प्रति जागरूकता पैदा करते हैं. यह एक तरह से ध्यान ही है. इसका लक्ष्य भूटान की बौद्ध आध्यात्मिक विरासत और अद्वितीय पहचान से प्रेरित जागरूक और टिकाऊ व्यवसायों को बढ़ावा देने का है.

भारत और भूटान ने एक परिवर्तनकारी साझेदारी को आगे बढ़ाने की भी घोषणा की जो दोनों देशों के बीच अद्वितीय तथा विशेष संबंधों को आगे बढ़ाएगी और साथ ही कहा कि विकास साझेदारी भारत के 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' के दृष्टिकोण और भूटान में सकल राष्ट्रीय खुशी के दर्शन का संगम है.

दोनों देशों ने संयुक्त बयान में कहा, ‘‘ हम भूटान के लोगों और सरकार की प्राथमिकताओं तथा महामहिम (भूटान नरेश) के दृष्टिकोण के अनुरूप अपनी विकास साझेदारी का विस्तार करना जारी रखेंगे.''

बयान के मुताबिक, परिवर्तनकारी साझेदारी में रेल संपर्क, सड़क, वायु, जलमार्ग, माल और सेवाओं की निर्बाध सीमा पार आवाजाही के लिए व्यापार बुनियादी ढांचे, आर्थिक और साथ ही डिजिटल कनेक्टिविटी के माध्यम से अपने व्यापक रूप में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना शामिल है.

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वर्ष 1961 में भूटान की पहली पंचवर्षीय योजना के बाद से, भूटान के साथ भारत की विकास साझेदारी लोगों को सशक्त बना रही है तथा विभिन्न क्षेत्रों में विकास सुनिश्चित कर रही है.बयान में कहा गया, ‘‘लोगों के बीच उत्कृष्ट संबंध हमारे असाधारण द्विपक्षीय संबंधों को आधार प्रदान करते हैं.''

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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