- ट्रंप ने 20 सूत्रीय गाजा शांति योजना पेश करते हुए कहा था कि पाकिस्तान आर्मी चीफ, पीएम इसके 100 सपोर्ट में हैं.
- शहबाज ने स्वागत करते हुए ट्वीट किया. इस पर पाकिस्तान में उन्हें गद्दार और ट्रंप के सामने सरेंडर बताया जाने लगा
- विदेश मंत्री इशाक डार ने अब संसद में कहा है कि ट्रंप का प्रस्ताव हमारे मसौदे जैसा नहीं है. उसमें चेंज हुआ है
दोस्ती के नाम पर दगाबाजी में पाकिस्तान का कोई मुकाबला नहीं है. पाकिस्तानी हुक्मरानों ने इस मामले में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को भी नहीं छोड़ा है. ट्रंप की चापलूसी के चक्कर में पहले तो उनकी गाजा शांति योजना का पाकिस्तानी सरकार ने खुलकर समर्थन किया. जब घर में ही फजीहत होने लगी, विरोध होने लगा तो यू-टर्न ले लिया. पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार ने शुक्रवार को संसद में दोहराया कि गाजा में शांति कायम करने की ट्रंप की योजना से वह पूरी तरह सहमत नहीं हैं.
गाजा में इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध को खत्म करने के लिए ट्रंप ने हाल ही में 20 सूत्रीय योजना पेश की थी. पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर और पीएम शहबाज शरीफ से मुलाकात के बाद ट्रंप ने दावा किया कि वो दोनों भी उनके पीस प्लान के 100 सपोर्ट में हैं. इसके बाद शहबाज शरीफ ने ट्रंप को खुश करने के चक्कर में ट्वीट कर दिया और उनके बयान का स्वागत करते हुए कहा कि फिलिस्तीनी जनता और इजरायल के बीच स्थायी शांति ही क्षेत्र में राजनीतिक स्थिरता और आर्थिक विकास ला सकती है.
ट्रंप की खुशामद के चक्कर में पाकिस्तान ने अपनी लंबे समय से चली आ रही नीति को ही दांव पर लगा दिया. इसका पाकिस्तान में भारी विरोध होने लगा. फिलिस्तीन के मुद्दे पर धोखा और गद्दारी करने के आरोप लगने लगे. पाकिस्तानी नेता, विशेषज्ञ, पत्रकार और एक्टिविस्ट शहबाज सरकार पर ट्रंप के सामने सरेंडर करने के आरोप लगा रहे हैं. पूर्व डिप्लोमैट अब्दुल बासित ने तो पूरी तरह सरेंडर बता दिया.
बढ़ते विरोध को देखते हुए पाकिस्तान सरकार ने सरेंडर कर दिया. पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार कहने लगे कि ट्रंप का 20 सूत्रीय गाजा शांति प्रस्ताव मुस्लिम देशों द्वारा पेश मसौदे से मेल नहीं खाता. जो प्लान हमने सौंपा था, उसमें बदलाव किया गया है. उन्होंने शुक्रवार को संसद में कहा कि ट्रंप ने जो 20 सूत्रीय योजना सामने रखी थी, वह हमारी योजना नहीं है. हमारा जो प्रस्ताव था, यह वैसा नहीं है. उसमें बदलाव हुआ है.
इससे पहले, इशाक डार ने कहा था कि ट्रंप की योजना में युद्धविराम, मानवीय सहायता और जबरन विस्थापन खत्म करने जैसे अहम पॉइंट्स शामिल नहीं हैं. इसलिए पाकिस्तान इसका समर्थन नहीं करता है. उन्होंने कहा था कि मैं साफ कर देना चाहता हूं कि पाकिस्तान किसी भी समझौते का हिस्सा नहीं बनने जा रहा है. इजराइल को जैसा है, वैसा ही रहने दिया जाए, हम उसे मान्यता नहीं देंगे. हमारा मकसद खून-खराबा रोकना, मानवीय मदद पहुंचाना और वेस्ट बैंक को बचाना है.