भारत के बाद अब इन चार देशों ने भी चीन के नए मैप को मानने से किया इनकार  

वियतनाम के विदेश मामलों के मंत्रालय के प्रवक्ता फाम थू हैंग द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि मानचित्र पर नौ-बिंदु रेखा के आधार पर चीन द्वारा संप्रभुता और समुद्री इलाके पर अपना दावा पूरी तरह से "अमान्य" है.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
चीन के नए मानचित्र पर कई देशों ने जताई आपत्ति
नई दिल्ली:

चीन द्वारा बीते दिनों जारी किए गए आधिकारिक मानचित्र (मैप) का विरोध सिर्फ भारत ही नहीं कर रहा है. अब इस लिस्ट में विश्व के चार और देश भी शामिल हो गए हैं, जिन्हें लगता है कि चीन का मैप उनकी संप्रभुता पर हमला करने जैसा है. जिन देशों ने चीन के नए मैप को मानने से इनकार किया है उनमें खास तौर पर वियतनाम, फिलीपीन्स, मलेशिया और ताइवान शामिल हैं. वियतनाम ने तो देश की सरकारी समाचार वेबसाइट पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा कि इस सप्ताह जारी किए गए चीन के आधिकारिक नक्शे में स्प्रैटली और पारासेल द्वीपों पर उसकी संप्रभुता और उसके जल क्षेत्र पर अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन करता है. 

वियतनाम के विदेश मामलों के मंत्रालय के प्रवक्ता फाम थू हैंग द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि मानचित्र पर नौ-बिंदु रेखा के आधार पर चीन द्वारा संप्रभुता और समुद्री इलाके पर अपना दावा पूरी तरह से "अमान्य" है. इसलिए वियतनाम डॉटेड लाइन के आधार पर दक्षिण चीन सागर में चीन के सभी दावों का दृढ़ता से विरोध करता है. 

खास बात ये है कि चीन के नए मैप को दूसरे देशों ने भी खारिज कर दिया है. भारत ने बीते मंगलवार को ही इस नए मैप के एक हिस्से पर आपत्ति जताई थी. इस हिस्से में अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों को चीन के नियंत्रण में दिखाया गया है.  वहीं, फिलीपींस ने कहा कि वह दक्षिण चीन सागर में चीन के व्यापक दावों को मान्यता नहीं देता है. 

इस मैप को लेकर जब बीजिंग में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवाल पूछे गए तो चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि उनकी सरकार को उम्मीद है कि "रेलिवेंट साइड्स को इस मुद्दे पर शांत रहना चाहिए, साथ ही हमें इस मुद्दे पर ज्यादा विस्तार पूर्वक बात करने से बचना चाहिए. चीन ने यह मैप इसलिए जारी किया ताकि प्रकाशकों, कंपनियों और अन्य लोगों के पास संदर्भ के लिए आधिकारिक संस्करण हो. विदेशी कंपनियां कभी-कभी मानचित्रों के उपयोग को लेकर चीनी सरकार से परेशानी में पड़ जाती हैं.

गौरतलब है कि चीनी सरकार दक्षिण चीन सागर के 80% से अधिक हिस्से पर अपना दावा करती है. और इसके लिए 1947 के मानचित्र के साथ अपने दावे का समर्थन भी करती है. जो अस्पष्ट डैश दिखाता है - ऐसे नौ डैश लाइन हैं - जो हैनान द्वीप के दक्षिण में लगभग 1,100 मील (1,800 किलोमीटर) की दूरी पर स्थित है. वियतनाम, फिलीपींस, ब्रुनेई, मलेशिया और ताइवान एक ही समुद्री क्षेत्र के कुछ हिस्सों पर दावा करते हैं, इन्हीं सीमाओं को लेकर विवाद भी है. 

Featured Video Of The Day
Bangladesh Violence: कौन था Sharif Osman Hadi? | विरोधियों ने जला दिया Sheikh Hasina का घर | Dhaka
Topics mentioned in this article