पेंटागन (Pentagon) के एक शीर्ष जनरल ने कहा है कि किसी को भी अमेरिका द्वारा प्रशिक्षित अफगान बलों के इतनी तेजी से पतन का पता नहीं था. अफगानिस्तान (Afghanistan) की सत्ता पर तालिबान (Taliban) के कब्जा होने को लेकर वह अमेरिकी सेना (US Army) की प्रतिक्रिया का बचाव कर रहे थे. अमेरिका के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के चेयरमैन जनरल मार्क मिले ने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं था जो मैंने या किसी और ने न देखा हो, जो 11 दिनों में इस सेना और सरकार के पतन का संकेत देता हो.
उन्होंने कहा कि अफगान सुरक्षाबलों के पास में क्षमता थी और इससे मेरा अर्थ है कि उनके पास अपने देश की रक्षा करने के लिए प्रशिक्षण, आकार और क्षमता थी. यह इच्छाशक्ति और नेतृत्व से आता है.
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अमेरिकी सेना और राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन पर अफगान सेना के साथ मामूली संघर्ष के बाद तालिबान की जीत और राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़कर भाग जाने के बाद से राजनीतिक हमले हो रहे हैं.
इस गति ने अमेरिका को भी चकमा दे दिया है. जिसके बाद अमेरिकी नागरिकों को निकालने के लिए अभियान शुरू किया गया. अफगानों ने अमेरिकी बलों के लिए विशेष वीजा प्रदान किया.
काबुल के हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए शनिवार को करीब 5,000 अमेरिकी सैनिक हजारों लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए रवाना हुए थे.
आलोचकों ने हार के बारे में विचार नहीं करने और जल्द निकलने की तैयारी करने के लिए विदेश विभाग, अमेरिकी इंटेलीजेंस और पेंटागन पर आरोप मढ़ा है.
सीआईए के दक्षिण एशिया के पूर्व काउंटरटेररिज्म चीफ और राष्ट्रपति अभियान के के दौरान बाइडेन के सलाहकार डगलस लंदन ने कहा कि अमेरिकी इंटेलीजेंस ने पूर्व में ही भविष्यवाणी की थी कि तालिबान अफगान बलों को हरा देगा और यह संभव है कि सरकार कुछ दिनों में आत्मसमर्पण कर दे.