अफगान महिला न्यूज एंकर को काम करने से तालिबान ने रोका, वीडियो पोस्ट कर लगाई मदद की गुहार

डावरान ने वीडियो में कहा, "मैंने व्यवस्था बदलने के बाद भी हार नहीं मानी और अपने कार्यालय के लिए चली गई, लेकिन दुर्भाग्य से मुझे अपना ऑफिस कार्ड दिखाने के बावजूद प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई."

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
शबनम डावरान ने सरकारी स्वामित्व वाले चैनल RTA के लिए 6 साल तक पत्रकार के रूप में काम किया है.
काबुल:

एक अफगान महिला पत्रकार ने कहा है कि तालिबान (Taliban) द्वारा देश पर कब्जा करने के बाद उसे अपने टीवी स्टेशन पर काम करने से रोक दिया गया. ऑनलाइन पोस्ट किए गए एक वीडियो में महिला एंकर नेअपनी जान को खतरा बताते हुए मदद की गुहार लगाई है. हिजाब पहने और अपना ऑफिस कार्ड दिखाते हुए जानी-मानी न्यूज एंकर शबनम डावरान ने सोशल मीडिया पर जारी वीडियो क्लिप में कहा, "हमारी जान को खतरा है."

तालिबान के शासन के तहत 1996 से 2001 तक  महिलाओं को सार्वजनिक जीवन से बाहर रखा गया था, लड़कियां स्कूल नहीं जा सकती थीं, मनोरंजन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था और इनका उल्लंघन करने पर कठोर दंड लगाया गया था.

हाल के महीनों में तालिबान द्वारा देश पर कब्जा किए जाने के प्रयासों के बीच महिला पत्रकारों को भी निशाना बनाया गया है. हालाँकि, अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा करने के बाद से तालिबान ने दावा किया है कि देश में महिलाओं को शिक्षा हासिल करने और काम करने सहित कई अधिकार होंगे और मीडिया स्वतंत्र होगा.

तो क्या तालिबान का इसलिए समर्थन कर रहा है चीन, खरबों डॉलर की इस चीज़ पर है नज़र

तालिबान का एक अधिकारी इस मुद्दे को साबित करने के लिए एक टीवी चैनल पर एक महिला पत्रकार के साथ आमने-सामने साक्षात्कार के लिए भी बैठ चुका है. लेकिन सरकारी प्रसारणकर्ता आरटीए के लिए अफगानिस्तान में छह साल तक पत्रकार के रूप में काम कर चुकीं शबनम डावरान ने कहा कि इस सप्ताह उन्हें उनके कार्यालय में प्रवेश करने से रोक दिया गया, जबकि पुरुष सहयोगियों को अंदर जाने दिया गया.

डावरान ने वीडियो में कहा, "मैंने व्यवस्था बदलने के बाद भी हार नहीं मानी और अपने कार्यालय के लिए चली गई, लेकिन दुर्भाग्य से मुझे अपना ऑफिस कार्ड दिखाने के बावजूद प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई." उन्होंने कहा, "पुरुष कर्मचारियों, जिनके पास कार्यालय कार्ड थे, को कार्यालय में प्रवेश करने की अनुमति दी गई, लेकिन मुझे बताया गया कि मैं अपना कर्तव्य जारी नहीं रख सकती क्योंकि सिस्टम बदल दिया गया है."

EXCLUSIVE: तालिबान चाहता था, भारतीय राजनयिक काबुल दूतावास में बने रहें

इसके बाद डावरान ने दर्शकों से गुहार लगाते हुए कहा: "जो लोग मेरी बात सुन रहे हैं, अगर दुनिया मेरी सुनती है, तो कृपया हमारी मदद करें क्योंकि हमारी जान को खतरा है." डावरान का फुटेज साझा करने वालों में अफगानिस्तान में 24 घंटे चलने वाले टोलो न्यूज के संपादक मिराका पोपल भी शामिल हैं.

Advertisement
वीडियो- रवीश कुमार का प्राइम टाइम : आतंक के साये में अफगानिस्तान की औरतें

Featured Video Of The Day
Mohali Building Collapse News: Basement में अवैध खुदाई से ढह गई बहुमंज़िला इमारत