50% टैरिफ... भारत पर सख्त रुख अमेरिका पर करेगा 'बैक फायर'? जानिए क्या हैं खतरे

ट्रंप प्रशासन रणनीतिक रूप से भारत संग अपने संबंधों को नुकसान पहुंचाने का जोखिम उठा रहा है. भारत न केवल एक आर्थिक महाशक्ति है, बल्कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक साझेदार भी है.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
अमेरिका के भारत पर टैरिफ लगाए जाने के बाद से दोनों देशों के बीच अविश्‍वास बढ़ रहा है. (फाइल)
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा भारत पर लगाए गए 50% टैरिफ के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत है.
  • US द्वारा टैरिफ और दंडात्मक नीतियां द्विपक्षीय संबंधों को कमजोर और आर्थिक साझेदारी को प्रभावित कर सकती है.
  • टैरिफ विवादों से बढ़ता अविश्वास भारत को चीन या रूस जैसे अन्य वैश्विक साझेदारों के करीब ले जा सकता है.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली:

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने का कदम रणनीतिक और आर्थिक रूप से गलत साबित हुआ है. कुल 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है. वन वर्ल्ड आउटलुक के एक लेख के मुताबिक, टैरिफ संबंधी उथल-पुथल के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था ने अप्रैल-जून तिमाही में 7.8 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर्ज की है. यह ट्रंप के भारत की अर्थव्यवस्था को "मृत" या कमजोर बताने की धारणा के बिल्कुल विपरीत है.

आयात पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से भारत पर 'दंड' के तौर पर लगाए गए इस भारी भरकम टैरिफ के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था ने पांच तिमाहियों में उच्च विकास दर हासिल की है. यह बाहरी व्यापार विवादों से परे अंतर्निहित मजबूती का संकेत देती है.

निर्यात आधारित नहीं भारत की आर्थिक वृद्धि दर 

इस लेख में बताया गया है कि भारत की आर्थिक वृद्धि अन्य उभरते बाजारों की तरह निर्यात आधारित नहीं है, क्योंकि इसके सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग 68 प्रतिशत हिस्सा घरेलू खपत से आता है, जिसमें घरेलू और सरकारी खर्च शामिल हैं.

'एप्पल' जैसी वैश्विक कंपनियां भारत में विनिर्माण निवेश को बढ़ा रही हैं, जो इसके मजबूत बाजार और क्षमताओं में विश्वास को दर्शाता है. परिणामस्वरूप, अमेरिका का दबावपूर्ण रुख उसे एक ऐसे प्रभावशाली साझेदार से अलग-थलग कर सकता है, जो महत्वपूर्ण आर्थिक और रणनीतिक क्षमता रखता है.

एप्पल कर रहा 2.5 बिलियन डॉलर का निवेश

एंड्रयू विल्सन के लेख में कहा गया है कि उभरती आर्थिक वास्तविकताएं ऐसी नीतियों की जरूरत की ओर संकेत देती हैं, जो भारत की विकास गतिशीलता को पहचानें. अमेरिका-भारत साझेदारी को पारस्परिक लाभ के लिए स्थापित करें न कि कलह को बढ़ावा दें.

अमेरिकी कंपनियों से भारत के संबंध कम करने और अमेरिका में निर्माण करने के डोनाल्ड ट्रंप के आह्वान के बावजूद एप्पल की ओर से उठाए गए कदम एक बिल्कुल अलग दृष्टिकोण को दर्शाते हैं.

बढ़ती भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के बीच चीन से दूर अपनी वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में विविधता लाने के लिए एप्पल ने व्यापक रणनीति अपनाई है. एप्पल भारत में अपने आईफोन उत्पादन क्षमताओं का विस्तार करने के लिए लगभग 2.5 बिलियन डॉलर का निवेश कर रहा है.

Advertisement

संबंधों को नुकसान पहुंचने का है जोखिम

इस तरह के कदम भारत के विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र, कौशल उपलब्धता और नीतिगत माहौल में कॉर्पोरेट विश्वास को दर्शाते हैं, जो अमेरिकी कंपनियों में भारतीय श्रम या प्रभाव को सीमित करने के ट्रंप के बयानों का खंडन करते हैं.

लेख में कहा गया है कि द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को कम करने से अमेरिका की पहुंच तेजी से बढ़ते बाजार और एक ऐसे साझेदार तक सीमित हो सकती है, जो अमेरिकी आर्थिक और तकनीकी शक्तियों का पूरक है.

Advertisement

लेख के अनुसार, भारी भरकम शुल्क लगाने और दंडात्मक रुख के कारण, ट्रंप प्रशासन रणनीतिक रूप से भारत संग अपने संबंधों को नुकसान पहुंचाने का जोखिम उठा रहा है. भारत न केवल एक आर्थिक महाशक्ति है, बल्कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक साझेदार भी है.

दोनों देशों के बीच बढ़ रहा है अविश्‍वास 

अमेरिकी टैरिफ भारत में हजारों निर्यातकों और नौकरियों के लिए खतरा है. यह तनाव बढ़ा रहा है और दोनों देशों के बीच अविश्वास को बढ़ा रहा है. व्यापार और निवेश पर बातचीत और सहयोग से संबंधों को मजबूत करने के बजाए अमेरिका का टकराव वाला यह रवैया भारत को चीन या रूस जैसी अन्य वैश्विक शक्तियों के करीब ला सकता है.

Advertisement

लेख में आगे कहा गया है कि दीर्घकालिक जोखिमों में अमेरिका की भू-राजनीतिक क्षमता में कमी और प्रौद्योगिकी सह-विकास, आपूर्ति शृंखला विविधीकरण और सेवा व्यापार जैसे क्षेत्रों में आर्थिक अवसरों का चूकना शामिल है.
 

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Navratri 2025: गरबे पर क्यों मचा है सियासी तूफ़ान? | Syed Suhail | Bharat Ki Baat Batata Hoon
Topics mentioned in this article