- म्यांमार में रविवार तड़के भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.5 दर्ज की गई है.
- भूकंप का केंद्र जमीन से दस किलोमीटर की गहराई पर था, जो इसे आफ्टरशॉक के लिए अतिसंवेदनशील बनाता है.
- कम गहराई वाले भूकंप अधिक खतरनाक होते हैं क्योंकि उनकी ऊर्जा सतह के करीब अधिक तीव्रता से निकलती है.
म्यांमार में रविवार तड़के भूकंप के झटके महसूस किए गए. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (National Center for Seismology) के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.5 दर्ज की गई है. एनसीएस के अनुसार, भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई पर था. यह इसे आफ्टरशॉक के लिए अतिसंवेदनशील बनाता है.
एनसीएस ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि 16 नवंबर 2025 को म्यांमार में तड़के 2 बजकर 40 मिनट पर 3.5 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया. भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किमी की गहराई पर था.
कम गहराई वाले भूकंप ज्यादा खतरनाक
जिन भूकंपों का केंद्र कम गहरा होता है वे ज्यादा खतरनाक होते हैं क्योंकि पृथ्वी की सतह के करीब आने पर उनकी ऊर्जा अधिक निकलती है, जिससे जमीन का कंपन ज्यादा होता है और इसके कारण संरचनाओं को ज्यादा नुकसान होता है. वहीं जिन भूकंपों का केंद्र ज्यादा गहरा होता है, वह सतह पर अपनी ऊर्जा को खो देते हैं.
इससे पहले 14 नवंबर को इस क्षेत्र में 35 किलोमीटर की गहराई पर 3.9 तीव्रता का भूकंप आया था.
भूकंप को लेकर संवेदनशील है म्यांमार
म्यांमार मध्यम और बड़ी तीव्रता वाले भूकंपों के खतरों के प्रति संवेदनशील है, जिसमें इसकी लंबी तटरेखा पर सुनामी का खतरा भी शामिल है. म्यांमार चार टेक्टोनिक प्लेटों (इंडियन, यूरेशियन, सुंडा और बर्मा प्लेट) के बीच स्थित है, जो एक्टिव जियोलॉजिकल प्रोसेस में परस्पर क्रिया करती हैं.
28 मार्च को मध्य म्यांमार में आए 7.7 और 6.4 तीव्रता के भूकंप के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में विस्थापित हुए हजारों लोगों के लिए तेजी से बढ़ते स्वास्थ्य खतरों की एक श्रृंखला तपेदिक (टीबी), एचआईवी, वेक्टर और जल जनित रोगों के बारे में चेतावनी दी थी.














