यासीन मलिक को टेरर फंडिंग केस में सजा हो चुकी है, लेकिन केस की जांच की शुरुआत से ही वह मामले को उलझाने और दांव पेच में लगा रहा. जांच के दौरान वो खुद को बड़ी शख्सियत बताता रहा. यही नहीं अपनी पहुंच प्रधानमंत्री तक होने का दावा करता रहा. हालांकि एनआईए ने जब अपने जाल में उलझाया तो इस शातिर आतंकी की एक न चली. इस बारे में बता रहे हैं हमारे सहयोगी आशीष भार्गव.