फ़ोर्ड कंपनी ने जब 1964 में सवा दो हज़ार डॉलर की मस्टैंग पहली बार लौंच की होगी तो उसे ये अंदाज़ा नहीं होगा कि ये कार ऐसी होगी जिसके लिए ग्राहक बोली लगाएंगे। कंपनी ने साल भर में लाख मस्टैंग बेचने की तो सोची थी लेकिन ये अंदाज़ा नहीं होगा कि पहले दिन 22 हज़ार कारें बुक हो जाएंगी या ये शायद बिल्कुल नहीं भी नहीं कि साल भर में वो 4 लाख 17 हज़ार मस्टैंग कारें बेच चुकी होगी। या ये कि दो साल में दस लाख के पार होगी। ये भी नहीं कि कार एक पॉप आइकॉन बनेगी, सैकड़ों नामी फ़िल्मों में दिखेगी।