तीन तलाक के अलावा आप किसी भी मुद्दे को लेकर भरोसा नहीं कर सकते कि इस पर ठीक से या कुछ दिनों तक रिपोर्टिंग होगी या चर्चा होगी. मुद्दे उठते हैं और हवा हो जाते हैं. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के चार सीनियर जज बाहर आते हैं और प्रेस के सामने कहते हैं कि इस देश में बहुत से बुद्धिमान लोग हैं जो विवेकपूर्ण बातें करते रहते हैं. हम नहीं चाहते कि ये बुद्धिमान लोग 20 साल बाद ये कहें कि जस्टिस चेलामेश्वर, गोगोई, लोकुर और कुरियन जोसेफ ने अपनी आत्मा बेच दी और संविधान के हिसाब से सही कदम नहीं उठाया.