उन्नाव और कठुआ. इन दो नामों ने हर भारतीय की चेतना को झकझोर दिया है. क्या हमारी सियासत इस कदर गिर चुकी है कि अब हमारी बेटियों के मान-सम्मान को राजनीतिक चश्मे से देखा जाएगा. क्या उनके जीवन के साथ खिलवाड़ करने वालों को सज़ा देने से पहले यह देखा जाएग कि वो किस पार्टि के हैं या फिर किस धर्म के हैं.