प्राइम टाइम में नौकरी सीरीज़ में हमने आपको कई राज्यों से दिखाया था कि हर राज्य में सरकारी चयन आयोग किस तरह से खिलवाड़ कर रहे हैं. परीक्षा का विज्ञापन निकलता है, मोटी फीस ली जाती है लेकिन परीक्षा कभी अंजाम पर नहीं पहुंचती है. पहुंच भी जाती है तो तीन-तीन चार-चार महीने नौजवान नियुक्ति पत्र के इंतज़ार में गुज़ार देता है. गुजरात में रविवार को ऐसी ही एक घटना को लेकर राज्य भर में चिन्ता परेशानी का माहौल बना रहा. पौने नौ लाख छात्रों की महीनों की तैयारी बर्बाद हो गई, यह खबर कैसे बड़ी ख़बर नहीं होती. यही कारण है गुजरात के सभी अखबारों ने इसे प्रमुखता से छापा है और राजनीति इसे मुद्दा बनाने लगी है.