भीड़ अपने आप में पुलिस हो गई है और अदालत भी जो किसी को पकड़ती है और मार देने का फैसला कर लेती है. कोई सवाल न करे इसलिए सबसे अच्छा है गौ तस्करी का आरोप लगा दो ताकि धर्म का कवच मिल जाए जबकि संविधान में कहीं नहीं लिखा है कि धर्म और आस्था की रक्षा के नाम पर किसी की हत्या की जा सकती है. आस्था का इस्तेमाल टीवी से लेकर सोशल मीडिया पर होने वाली बहसों के लिए किया जाता है ताकि ऐसी घटनाओं की छोटी मोटी निंदा करने के साथ इसके पीछे की वैचारिक और राजनीतिक सोच का बचाव भी किया जाता रहे.