एक फौजी अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल रविंद्र भंडारी ने 8 अक्तूबर को आरटीआई से मिली एक जानकारी को ट्वीट किया. इस ट्वीट में कहा गया कि भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में रक्षा मंत्रालय से जुड़े सभी मुकदमों की पैरवी पर करीब 48 करोड़ रुपये खर्च कर दिए हैं. यह आंकड़ा साल 2017-18 का है, जबकि उससे पहले के साल में करीब 32 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. आरटीआई में पूछा गया था कि कितने केस लड़े गए, कितने केस जीते गए, हारे गए. इस ट्वीट को रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया ने रीट्वीट कर दिया. जनरल विनोद भाटिया के रीट्वीट का संदर्भ यह था कि सरकार डिसेबल्ड सोल्जर को पेंशन न मिले इसके लिए मुकदमे पर जितना पैसा खर्च करती है उससे कम पैसे में उन्हें पेंशन दी जा सकती है.