सरकार को यह संशोधन क्यों करना पड़ा, जब उसने 1 जून से 30 सितंबर की कार्रवाई को आखिरी मौका कहा. क्या नोटबंदी के दौरान या बाद में मिलने वाले अघोषित आय को पूरा ज़ब्त नहीं कर लेना चाहिए. कहीं ये एक और मौका तो नहीं है. जब नोटबंदी चल ही रही है तो इस संशोधन का क्या मतलब है हमें यह भी समझना होगा कि इस संशोधन में क्या सोना, प्रॉपर्टी और शेयर भी आते हैं या इसे हम सिर्फ नगदी नोट के संदर्भ में ही समझ रहे हैं.