भारत की उच्च शिक्षा पिछले एक साल से ठप्प जैसी है. 7 महीने से ज़्यादा समय हो गए, कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में कोई बहाली नहीं हो रही है. क्या हमारी सरकार या राजनीति के पास उच्च शिक्षा की खस्ता होती हालत के लिए वक्त है. भारत के प्रधानमंत्री जनवरी शुरू होते ही 100 रैलियां पूरी करने की यात्रा पर निकल चुके हैं. एक रैली के 5 घंटे भी लगते होंगे तो समझिए कि 20 दिन सिर्फ रैली करने में जाएंगे. मानव संसाधन मंत्री को यह कहते हुए करीब दो साल हो चुके हैं कि एक साल के भीतर दिल्ली विश्वविद्यालय में 9000 से अधिक शिक्षकों को परमानेंट कर दिया जाएगा. बहाली वैसे भी नहीं होती है क्योंकि यूनिवर्सिटी ने कांट्रेक्ट का स्वाद चख लिया है. कम पैसे में शिक्षक रखिए और पढ़ाने के नाम पर कांट्रेक्ट के शिक्षकों से कार्यक्रमों में अतिथि को फूलों का गुच्छा दिलवाइये. क्यों साल भर से बहाली नहीं हो रही है इसे समझन के लिए दो तीन बातों का ध्यान रखना होगा. पहले की क्या व्यवस्था थी यह जानने के लिए 200 प्वाइंट रोस्टर को समझना होगा.