रवीश कुमार का प्राइम टाइम: आर्थिक सर्वे और बजट के आंकड़ों में अंतर कैसे?

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  • प्रकाशित: जुलाई 09, 2019
बजट से 1 लाख 70 हज़ार करोड़ का हिसाब ग़ायब है. प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य रथिन रॉय ने आर्थिक सर्वे और बजट का अध्ययन किया. उन्होंने देखा कि आर्थिक सर्वे में सरकार की कमाई कुछ है और बजट में सरकार की कमाई कुछ है. दोनों में अंतर है. बजट में राजस्व वसूली सर्वे से एक प्रतिशत ज्यादा है. यह राशि 1 लाख 70 हज़ार करोड़ की है. क्या इतनी बड़ी राशि की बजट में चूक हो सकती है. सरकार की कमाई के हिसाब में अंतर है यानी गड़बड़ी प्रतीत होती है दूसरी तरफ सरकार के ख़र्चे में भी कमियां पकड़ में आई हैं. बजट में 2018-19 के लिए 24.6 लाख करोड़ का खर्च बताया गया है जबकि आर्थिक सर्वे में सरकार ने मात्र 23.1 लाख करोड़ खर्च किया है. तो सवाल है कि डेढ़ लाख करोड़ का हिसाब कैसे कम हो गया. श्रीनिवासन जैन ने अपने सवाल वित्त मंत्रालय को भेजे हैं मगर जवाब नहीं आया है. रथिन राय ने बिजनेस स्टैंडर्ड अखबार में इस पर विस्तार से लिखा है. रथिन राय का कहना है कि अगर आर्थिक सर्वे का डेटा सही है तो स्थिति गंभीर है.

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