राज्यों के चयन आयोगों को कोई यूपीएससी से सिखने की जरूरत है, क्योंकि यूपीएससी भी लाखों परीक्षार्थियों की परीक्षा को हैंडल करता है, उसमें भी कोर्ट केस होते हैं, विरोध प्रदर्शन होते हैं लेकिन रिज़ल्ट हीं रुकते. राज्यों के एसएससी क्या इससे कुछ सीख नहीं सकते. इधर झारखंड में 29 जनवरी से होने वाली संयुक्त असैनिक सेवा परीक्षा का मेन्स रद्द कर दिया गया है. हमने नौकरियों पर प्राइम टाइम के चौथे एपिसोड में बताया था कि झारखंड लोक सेवा आयोग की छठी जेपीएसी परीक्षा का विज्ञापन सबसे पहले जनवरी 2015 में निकला था. जनवरी 2016 तक फॉर्म ही भराता रहा. 18 नवंबर 2016 को इसकी पीटी परीक्षा होती है और फरवरी 2017 में रिज़ल्ट आता है. तय था कि 29 जनवरी को इसकी मेन्स परीक्षा होगी, लेकिन अब 29 जनवरी को मेन्स की परीक्षा नहीं होगी. जनवरी 2015 से जनवरी 2018 आ गया अब इसकी मेन्स परीक्षा का पता नहीं है.