शिवसेना बनाम शिवसेना मामले में भारत के प्रधान न्यायाधीश (CJI) ने महाराष्ट्र के राज्यपाल से कहा कि उन्हें इस तरह विश्वास मत नहीं बुलाना चाहिए था. उनको खुद ये पूछना चाहिए था कि तीन साल की सुखद शादी के बाद क्या हुआ? राज्यपाल ने कैसे अंदाजा लगाया कि आगे क्या होने वाला है ? CJI ने राज्यपाल से आगे पूछा- क्या फ्लोर टेस्ट बुलाने के लिए पर्याप्त आधार था?