इतिहास के लिए इससे अच्छा दौर कुछ नहीं हो सकता। दो साल के दौरान इतिहास से जुड़े कई विषयों पर सार्वजनिक रूप से राजनीतिक चर्चा हो चुकी है। रैलियों से लेकर अखबारों के स्तंभों और चैनलों के स्टूडियो में। हमने जितना कंप्यूटर साइंस पर डिबेट नहीं किया, उससे कहीं ज्यादा इतिहास को लेकर भिड़ रहे हैं।