Union Budget 2025: आपके हाथ में हर महीने जो तनख़्वाह आती होगी उसके आधार पर ही आपके घर का बजट तय होता होगा... घर की अपनी आवश्यकताएं होती हैं, परिवार के सदस्यों की अपनी ज़रूरतें या शौक होते हैं जो इसी तनख़्वाह से पूरे होते हैं... लेकिन हर घर की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं होती कि सारी इच्छाएं तुरंत पूरी हो जाएं... खर्च प्राथमिकता के आधार पर होता है इसलिए एक महीने जो ज़रूरतें पूरी नहीं हो पातीं उन्हें अगले महीने के लिए टाल दिया जाता है... महीने का अंत आते-आते घर का मुखिया अंदाज़ा लगाने लगता है कि उसके हाथ में कितनी तनख़्वाह आई, ईएमआई या अन्य देनदारियां चुकाने के बाद घर की बाकी ज़रूरतों के लिए कितना पैसा बचा और अगले महीने तनख़्वाह को कैसे इस्तेमाल करे कि हर कोई संतुष्ट रहे... ये जो अंदाज़ा है इसे आप घर का आर्थिक सर्वे मान सकते हैं और तनख़्वाह आने के बाद पैसे को कैसे घर की ज़रूरतों में बांटा जाता है इसे आप घर का बजट मान सकते हैं...