भारत के रेल मंत्री रेल गाड़ियों के भीतर की तस्वीरें खूब ट्वीट करते हैं ताकि भीतर की साज सज्जा भी दिखे. यह ठीक भी है. उन्हें अपने काम का प्रचार करना भी चाहिए लेकिन जब रेल मंत्रालय को लेकर आम जनता ट्वीट करती है तब उसे जवाब नहीं मिलता. 2019 के चुनावों को देखते हुए रेलवे ने एक लाख नौकरियों का विज्ञापन निकाला था. परीक्षा हुई रिजल्ट भी निकला और बाद में दस्तावेज़ों की जांच भी हुई. लेकिन छह महीने हो गए, बहुत सारे छात्र नौकरी का इंतज़ार कर रहे हैं. उन्हें नियुक्ति पत्र नहीं दिया जा रहा है. जब पास कर चुके हैं तो फिर नियुक्ति पत्र देने में क्या दिक्कत है. इस पर पीयूष गोयल ट्वीट क्यों नही करते हैं. अब आपको रेलवे का एक और हाल बताता हूं. 2018 में हमने प्राइम टाइम में रंजीत गुप्ता की कहानी बताई थी. हमारी कहानी के बाद रेलवे बोर्ड से फोन भी आया कि रंजीत गुप्ता के मामले को देखा जाएगा और उन्हें नौकरी दिलाने का प्रयास किया जाएगा. रंजीत के साथ जो हुआ है आप इस रिपोर्ट में देखिए. दुआ कीजिए कि हमारा सिस्टम कम से कम इतना न सताए किसी को.