छह महीने बीतने के बाद भी मध्यप्रदेश के ई टेंडरिंग घोटाले में अब तक एफ़आईआर नहीं हुई है... वजह ये है कि राज्य की आर्थिक अपराध शाखा को जांच के लिए केंद्र की एजेंसी का इंतज़ार है..प्राइम टाइम में ही हमने आपको बताया था कि टेंडर की ये प्रक्रिया ऑनलाइन थी लेकिन इसमें बोली लगाने वाली कंपनियों को पहले ही पता लग जाता था कि सबसे कम बोली कितनी है. फौरी तौर पर इस ई टेंडर प्रक्रिया में 3000 करोड़ के घोटाले की बात सामने आ रही है. ये प्रक्रिया 2014 से ही लागू है और इसके तहत अब तक क़रीब तीन लाख करोड़ रुपए के टेंडर दिए जा चुके हैं.