अर्थव्यवस्था की हालत क्या है. इन दिनों जो खबरें बिजनेस अखबारों में छप रही हैं उन्हें देखकर लगता है कि चुनौतियां गंभीर होती जा रही हैं. लगातार 9 महीने से ऑटोमोबाइल कंपनियों में उत्पादन ठप है. लघु एवं मझोले उद्योग का विकास रुक गया है. इनके लिए लोन की कमी हो गई है. जिन संस्थाओं से लोन मिलता है, उनकी हालत खराब है. एक आरटीआई के अनुसार वित्त वर्ष 2019 में दूसरी तरफ मुद्रा लोन का एनपीए 126 प्रतिशत बढ़ा है. बैंकों की अपनी पूंजी लड़खड़ा रही है. वो सरकार की मदद पर निर्भर है. जब बजट का कवरेज होगा तो कल जो बिजनेस के लोग होंगे वो सरकार को 10 में से 10 नंबर देंगे और हर फैसले को सही बताएंगे. कल उनका दिन होगा, कल सरकार का दिन होगा. आज विपक्ष का दिन है तो आज उनकी प्रतिक्रिया सुनिए.