जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत नजरबंद किया गया है. पब्लिक सेफ्टी एक्ट यानी सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम. सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम बिना मुकदमे के किसी भी व्यक्ति को दो साल तक की गिरफ्तारी या नज़रबंदी की अनुमति देता है. यह कानून 1970 के दशक में यह कानून जम्मू-कश्मीर में लकड़ी की तस्करी को रोकने के लिए लागू किया गया था, क्योंकि उस समय ऐसे अपराध में शामिल लोग मामूली हिरासत के बाद आसानी से छूट जाते थे. यह कानून सरकार को 16 साल से ऊपर के किसी भी व्यक्ति को दो साल तक बिना मुकदमा चलाए रखने की अनुमति देता है.