जम्मू कश्मीर पुलिस ने अपने डीएसपी दविंदर सिंह को बर्खास्त करने की सिफारिश की है. कड़ी कार्रवाई के नाम पर यही ब्रेक्रिंग न्यूज़ है. इसके पहले कड़ी कार्रवाई यह हुई थी कि गिरफ्तार डीएसपी को निलंबित किया गया था. क्या आप इसी सूचना का इंतज़ार कर रहे थे या आतंकियों के साथ गिरफ्तार डीएसपी के बारे में आप कुछ और जानना चाहते हैं? जो अफसर आतंक के आरोप में जेल में है, वो निलंबित रहे या बर्खास्त हो क्या फर्क पड़ता है? चार दिनों से एजेंसियां डीएसपी दविंदर सिंह से पूछताछ कर रही हैं. बेशक लोग यह जानना चाहते होंगे कि इस अफसर का नेटवर्क क्या था, किसके इशारे पर यह आतंकियों को लेकर दिल्ली जा रहा था, पुलिस के भीतर इसके किन लोगों के साथ संपर्क थे? उधर, नागरिकता कानून को लेकर सरकार की सफाई लोगों में विश्वास नहीं जगा पा रही है. यही कारण है कि एक महीना हो गया इस कानून को आए, लेकिन विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला थमा नहीं है. असम में प्रदर्शन थमता नहीं दिख रहा तो वहीं दूसरी ओर मंगलुरु में के शाह गार्डन में भी विरोध प्रदर्शन के दौरान सभी धर्मों के लोग शामिल हुए.