राजस्थान की राजधानी जयपुर के रहने वाले मूर्तिकार सत्यनारायण पाण्डे ने रामलला की दूसरी मूर्ति बनाई थी. बता दें कि रामलला की प्रतिमा बनाने का कार्य तीन मूर्तिकारों को सौंपा गया था, जिनमें से दो मूर्तियों को अंतिम रूप से चुना गया था, और अंततः मैसूर के अरुण योगीराज की बनाई प्रतिमा को मंदिर में स्थापित और प्रतिष्ठापित कर दिया गया.