डावोस में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा है कि भारत का युवा नौकरी मांगने वाला नहीं, देने वाला बनने की राह पर है. नौकरियों में प्राइम टाइम का यह 5वां एपिसोड भारत के उन युवाओं के बारे में हैं, जिन्हें नौकरी देने वाली संस्था नौकरी नहीं दे रही है. लगता है ये संस्थाएं भी इसी राह पर काम कर रही हैं कि भारत के युवाओं को नौकरी न दें ताकि वे खुद अपनी नौकरी खोज लें और फिर दूसरों को भी दें. करोड़ों की संख्या में युवा भारत के अलग-अलग राज्यों के चयन आयोगों की धांधली के शिकार हैं. ऐसे युवा समय से नौकरियों में आकर देश के उत्पादन में हाथ ही बढ़ाते मगर एक चिट्ठी के इंतज़ार में उनके साल तमाम हो रहे हैं. इंतज़ार है कि किसी एक सरकार की जो चयन आयोग को इस स्तर का बना दे कि वह भी जॉब गिवर यानी नौकरियां देने वाली संस्था बन जाए न कि नौकरियों के नाम पर युवाओं का सत्यानाश करने वाली संस्था बनी रहे.