सियायत में किए गए अध्यन के मुताबिक, जिस जिस व्यक्ति ने पॉवर पॉलिटिक्स या कहें कि बिजली की सियासत में गड़बड़ी की है और वादे करके उसे पूरा नहीं कर पाए, तो उनको जनता का बहुत आक्रोश झेलना पड़ा है और वह नेता एवं सरकारें साफ हो गईं। तो क्या आम आमदी पार्टी दिल्ली में सस्ती बिजली का वादा निभा पाएगी, या उसका भी अंजाम बाकियों जैसा होगा? एक चर्चा...