गरीबी कोई ऐसी चीज नहीं जिस पर बहुत खुश होकर बात की जाए। भूख, अभाव, तकलीफ, इलाज की कमी, मौत और दर्द के न खत्म होने वाले सिलसिले पर जो राजनीति करते हैं वे एक तरह से मुजरिम हैं। लेकिन यहां राजनीति हो रही है− कहीं विकास के अहंकारी दावों के साथ, तो कहीं गरीबी की उलझी हुई रेखा के नाम पर। तो खबरों की खबर में इसी गरीबी रेखा और उसकी राजनीति पर खास नजर....