न्यूज प्वाइंट : अराजकता की राजनीति

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  • प्रकाशित: जनवरी 27, 2014
सियासी दलों का किसी भी मुद्दे पर धरना प्रदर्शन करना एक बहुत पुरानी परंपरा है, लेकिन जब यह आम आदमी को तकलीफ पहुंचाता है और उसके जीवन पर सीधा असर डालता है, तो कई बार इसे लेकर सवाल उठे हैं। किसी धरने से रोजमर्रा की जिंदगी में रुकावट आती है, तो उसे उस पार्टी के कायकर्ता या समर्थक के अलावा बाकी लोग पसंद नहीं करते... तो यहां सवाल है क्या लोगों को परेशान कर या डराकर अपने मुद्दों को सियासी पार्टियां ज्यादा जोरदार तरीके से रखना चाहती हैं या उनका असर ज्यादा होता है। एक चर्चा...

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