बर्फीली चोटियों और ग्लेशियरों की गोद में बसे केदारनाथ और इसकी निचली घाटी एक मलबे के ढेर में तब्दील हो गई। पहाड़ों पर मची प्रलय के बाद यहां के लोगों ने नीचे घाटी में अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के घर शरण ले रखी है, लेकिन तीन महीने बाद अब पैसे और व्यवहार दोनों में कमी महसूस होने लगी है।