एनडीटीवी को मिली जानकारी के अनुसार अजित पवार ने सिंचाई मंत्री रहे अपने विभाग के तय नियमों का उल्लंघन करते हुए तमाम ठेकों के भुगतान को मंजूरी दी। पवार ने 1999-2009 में बतौर सिंचाई मंत्री ठेकेदारों को अग्रिम भुगतान देने का आदेश दिया। यह अग्रिम भुगतान बांध और नहरों के निर्माण के संबंध में अधिकतर विदर्भ क्षेत्र में दिया गया।