सजा-ए-मौत ही आखिरी हथियार!

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  • प्रकाशित: मार्च 20, 2012
पुणे की अदालत ने एक कॉलसेंटर कर्मी बलात्कार और हत्या के आरोप में दोनों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। क्या सजा-ए-मौत ही महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकने का आखिरी हथियार है?

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