Mumbai के आरोपी Yakub Memon के भागने से लेकर लटकने तक की कहानी

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  • प्रकाशित: मार्च 17, 2025

देवरानी-जेठानी, ननंद-भाभी, सास-बहु वगैरह की आपसी खटपट भारत के संयुक्त परिवारों में होना एक आम बात है, पर ये कहानी ऐसी है जहां इस तरह की खटपट ने एक शख्स को फांसीं के फंदे पर लटकवा दिया. कहानी जुड़ी है 12 मार्च 1993 के मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों से जिनमें 257 लोगों की मौत हुई थी और करीब साढ़े सात सौ लोग घायल हुए थे. मुंबई पुलिस ने जब बमकांड की जांच शुरू की तो पाया कि उन्हें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने अंडरवर्लड डॉन दाऊद इब्राहिम की मदद से करवाया था. दाऊद ने धमाको में इस्तेमाल किए गए आरडीएक्स को मुंबई तक पहुंचाने के लिए टाइगर मेमन के तस्करी के नेटवर्क का इस्तेमाल किया था. टाइगर मेमन खुद भी बदले की आग में जल रहा था, क्योंकि जनवरी 1993 के दंगों में दंगाइयों ने माहिम इलाके के उसके दफ्तर को आग लगा दी थी.

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