ग्रामीण महिलाओं को सिलाई सिखाने के कार्यक्रम के साथ जमीन पर ज्यादातर प्रशिक्षण ऊषा सिलाई स्कूल के 20 प्रशिक्षकों द्वारा दिया जा रहा था. हालांकि, पूरे भारत में सिलाई स्कूलों की बढ़ती संख्या के साथ उषा सिलाई स्कूल कार्यक्रम ने महसूस किया कि गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण देने के लिए अधिक से अधिक गुणवत्ता वाले प्रशिक्षकों की आवश्यकता है. इसने मास्टर ट्रेनर्स की अवधारणा को जन्म दिया, जो अब कुछ वर्षों से चलन में है. ये ग्राम स्तरीय मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली महिलाओं में से ही हैं. इसने न केवल प्रशिक्षण की लगातार बढ़ती मांग को पूरा करने में मदद की है, बल्कि इसने स्वयं मास्टर ट्रेनर्स के लिए अतिरिक्त कमाई के अवसर भी प्रदान किए हैं.