1 जुलाई से जीएसटी व्यवस्था लागू हो रही है. सरकार के लिए यह मौका इतना बड़ा है कि वो इसे आज़ादी के लैंडमार्क की तरह पेश करना चाहती है, कपड़ा व्यापारियों को छोड़ बाकी अधिकतर व्यापारिक संगठन आपत्तियों को आंदोलन से बचाते हुए ज़ाहिर कर रहे हैं. इसलिए समझना और दावा करना मुश्किल है कि उनकी परेशानी कितनी जायज़ और बड़ी है. जब बताने वाला ही साहस नहीं दिखायेगा तो क्या किया जा सकता है.