सरकार को आतंकवाद से जुड़े एक महत्वपूर्ण विधेयक को कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों की आपत्तियों के बावजूद राज्यसभा से पारित कराने में शुक्रवार को सफलता मिल गयी जिसमें किसी व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करने तथा आतंकवाद की जांच के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को संपत्ति को जब्त करने से सहित कई अधिकार दिये गये हैं. उच्च सदन में गृह मंत्री अमित शाह ने क्रियाकलाप निवारण संशोधन (यूएपीए) विधेयक के प्रावधानों के दुरूपयोग की कांग्रेस की आशंकाओं को निराधार करार दिया और समझौता एक्सप्रेस विस्फोट मामले का उदाहरण देते हुए तत्कालीन कांग्रेस नीत सरकार पर आतंकवाद को एक धर्म विशेष से जोड़ने की कोशिश करने का आरोप लगाया. उन्होंने इस विधेयक के प्रावधानों का बचाव करते हुए कहा कि इसके प्रावधान जांच एजेंसियों को आतंकवाद से ‘चार कदम आगे रखने के लिए हैं.’