पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने NPR को लेकर बड़ा बयान दिया है. NDTV से की गई खास बातचीत में उन्होंने दावा किया कि 2003 की तुलना में अब जो एनपीआर कराई जाएगी उसमें काफी का फर्क है.उन्होंने कहा कि मोदी सरकार जो एनपीआर कराने की तैयारी में है वह लोगों से उनकी नागरिकता छीनने की तैयारी में. सिब्बल ने कहा कि मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि मैं आपके सामने पहले के NPR और अब के NPR के बीच के फर्क को बता सकता हूं. पहले का एनपीआर सामान्य जनगणना की प्रक्रिया थी, लेकिन मोदी सरकार के समय में जो एनपीआर होना है उसमें आपके पास अगर आपके और आपके माता-पिता के कागजात नहीं हुए तो आपके घर आया अधिकारी आपकी नागरिकता के ऊपर प्रश्नचिन्ह लगा सकता है. अगर ऐसा होता है तो आपको अगले 30 दिन के अंदर अपनी नागरिकता से जुड़े कागजात को पेश करना होगा. उन्होंने कहा कि आज देश में लोगों से कागजात मांगे जा रहे हैं. मैं खुद एक रिफ्यूजी हूं, और मेरे खुदके पास यह साबित करने के लिए नहीं है कि मेरे पहले के लोग यहां कब से रह रहे हैं. देश में गरीबों के साथ भी यही हाल है. देश के कई राज्य ऐसे हैं जहां बाढ़ आती है. और बाढ़ में लोगों सबकुछ बह जाता है. ऐसे में उनसे कागज मांगकर उनकी नागरिकता तय करेंगे तो वह कहां से लाकर देंगे कागजात.