जब मां-बाप अपने बेटे की ज़िन्दगी के लिए दुआ नहीं....बल्कि मौत मांगने लगे....तो समझ जाइए....कि वो रिश्ता....इंसानियत की सबसे बड़ी कसौटी पर खड़ा है....कभी सोचा है....किसी मां-बाप पर क्या गुजरती होगी....जब उन्हें अपने बेटे को बचाने के लिए नहीं....बल्कि उसकी मौत के लिए भीख मांगनी पड़े....शायद यही इस जिंदगी का दर्दनाक सच है....ये कहानी है 62 साल के पिता अशोक राणा और 55 साल की बुजुर्ग मां निर्मला देवी की....जो देश की सर्वोच्च अदालत में देश के सर्वोच्च न्यायधीश DY चंद्रचूड़ से अपने ही बेटे की मौत की इजाज़त मांग रहे थे....CJI के कार्यकाल के आखिरी दिन ये वो पल था...जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता....इस दर्द को सिर्फ महसूस किया जा सकता है....